जांचकर्ताओं का कहना है कि ट्रम्प और जेडी वेंस प्रमुख चीनी साइबर हमले के निशाने पर हैं।

जांचकर्ताओं का कहना है कि ट्रम्प और जेडी वेंस प्रमुख चीनी साइबर हमले के निशाने पर हैं।

दुनिया में टेक्नोलॉजी जितनी तेज़ी से आगे बढ़ रही है, उतना ही ज्यादा साइबर सुरक्षा को लेकर खतरे भी बढ़ रहे हैं। हाल ही में एक बड़ी खबर सामने आई है कि चीन से जुड़े हैकर्स ने एक 'सॉल्ट टायफून' नामक बड़े साइबर अटैक में अमेरिका ही नहीं, 80 से ज्यादा देशों के संवेदनशील डेटा की सुरक्षा को चुनौती दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह हमला अब तक का सबसे बड़ा और खतरनाक साइबर हमला है।चीन द्वारा 'सॉल्ट टायफून' हैकर ग्रुप के ज़रिए अमेरिका पर किया गया साइबर हमला हाल के वर्षों का सबसे बड़ा और संगठित डिजिटल हमला माना जा रहा है। इस हमले ने अमेरिकी टेलीकॉम सेक्टर, सरकारी एजेंसियों, सैन्य और अन्य महत्वपूर्ण इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ आम नागरिकों के डेटा को भी चपेट में लिया है।

सॉल्ट टायफून हमला क्या है?

  • 'सॉल्ट टायफून' चीन के सरकारी समर्थन प्राप्त एडवांस्ड पर्सिस्टेंट थ्रेट (APT) समूह का कोड नाम है, जिसका मुख्य उद्देश्य जासूसी और संवेदनशील जानकारी चुराना है, न कि केवल वित्तीय धोखाधड़ी या आम साइबर अपराध।

  • इस समूह ने वर्षों तक अमेरिकी टेलीकॉम कंपनियों जैसे Verizon, AT&T और अन्य के नेटवर्क में सेंध लगाई, जिससे पर्सनल डेटा, कॉल रिकॉर्ड, टेक्स्ट मैसेज, और संवेदनशील फाइल्स तक पहुंच बनाई।

  • अमेरिकी एजेंसियों का कहना है कि लगभग हर अमेरिकी नागरिक का डेटा इस हमले की जद में आया है।

हमले के तरीके और प्रभाव

  • टायफून समूह ने खासतौर से नेटवर्क के पुराने कमजोरियों (vulnerabilities) का फायदा उठाया, जैसे VPN, फायरवॉल्स और ईमेल सर्वर की खामियां।

  • समूह ने टेलीकॉम नेटवर्क में घुसपैठ कर विश्व भर में संचार प्रणालियों को ट्रैक और मॉनिटर करने की ताकत हासिल की।

  • इससे उन्हें राजनेताओं, जासूसों, प्रमुख एक्टिविस्ट्स और आम नागरिकों की गतिविधियों की निगरानी की तकनीकी क्षमता मिली।

  • US चुनावी उम्मीदवारों जैसे डोनाल्ड ट्रंप, कमला हैरिस, व जेडी वेंस को भी सीधे-सीधे लक्ष्य बनाया गया।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और सुरक्षा उपाय

  • अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी, इटली, जापान समेत 13 देश संयुक्त रूप से चीन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं और उन्होंने चेतावनी दी है कि इस तरह की गतिविधियां वैश्विक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हैं।

  • अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने साइबर सुरक्षा को मजबूत करने और संदिग्ध गतिविधियों की मोनिटरिंग बढ़ाने के लिए व्यापक गाइडलाइंस जारी की हैं।

सुरक्षा के लिए क्या कदम जरूरी हैं?

  • नागरिकों को सुरक्षा उपाय अपनाने चाहिए, जैसे मजबूत पासवर्ड, टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन, अपने डेवाइसों को नियमित रूप से अपडेट करना।

  • सरकारों और कंपनियों को अपने नेटव‌र्क और डेटा प्रोटेक्शन सिस्टम को निमित्त जांचना और मजबूत बनाना होगा।

  • वैश्विक स्तर पर ऐसे हमलों का जवाब देने के लिए सहयोग बढ़ाना जरूरी है।