झारखंड की खान सचिव पूजा सिंघल और उनसे जुड़े 23 ठिकानों पर इडी का छापा
प्रवर्तन निदेशालय(इडी) ने मनी लाउंड्रिंग के आरोप में आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल, उनके पति, भाई, पति के सीए सुमन कुमार और अन्य लोगों के पांच राज्यों के कुल 23 ठिकानों पर छापा मारा. खबर लिखने तक 19.31 करोड़ रुपये नकद जब्त किये जा चुके हैं. छापेमारी में मिले निवेश और लेन-देन से संबंधित दस्तावेज की जांच हो रही है. साथ ही छापेमारी के दायरे में शामिल लोगों से पूछताछ जारी है |इडी ने यह कार्रवाई वर्ष 2010 में खूंटी जिले में प्रकाश में आये 18.06 करोड़ रुपये के मनरेगा घोटाले में मनी लाउंड्रिंग के आरोपों की जांच के दौरान की है. वर्ष 2000 बैच की आइएएस अधिकारी पूजा िसंघल वर्तमान में खान व उद्योग सचिव हैं. खूंटी में हुए मनरेगा घोटाले में तत्कालीन जूनियर इंजीनियर राम विनोद सिन्हा को अदालत से सजा हो चुकी है और सरकार ने उसे बर्खास्त कर दिया है. इंजीनियर ने तत्कालीन डीसी पूजा सिंघल की कार्यशैली पर सवाल उठाया था.राम विनोद सिन्हा से निलंबन की अवधि में काम लिया गया और उसे अग्रिम राशि का भुगतान किया गया, जो मनरेगा घोटाले का कारण बना.
राम विनोद सिन्हा का बयान
कमीशन का भुगतान नकद होता था ताकि फाइल मूवमेंट सही समय पर हो | इडी द्वारा मामले की जांच के दौरान खूंटी के तत्कालीन इंजीनियर राम विनोद सिन्हा ने अपने बयान में कहा था कि वह योजनाओं की लागत का कुल 20 प्रतिशत बतौर कमीशन देता है. योजना की लागत का पांच प्रतिशत इंजीनियरिंग विंग से जुड़े अपने सीनियर लोगों को दिया करता था.शेष 15 प्रतिशत राशि का भुगतान बतौर कमीशन उपायुक्त कार्यालय और जिला प्रशासन से जुड़े अधिकारियों को दिया करता था. कमीशन की रकम का भुगतान नकद के रूप में किया जाता था, ताकि फाइलों का मूवमेंट सही समय पर हो सके. कमीशन की राशि का बंटवारा संबंधित अधिकारियों की भूमिका और उनकी सहभागिता के मद्देनजर की जाती थी.हालांकि उसने अपने बयान में यह कहा था कि उसने सीधे तौर पर कभी उपायुक्त को कमीशन की रकम का भुगतान नहीं किया था. राम विनोद सिन्हा को ग्रामीण विकास विभाग ने निलंबित करते हुए उसकी सेवा जल संसाधन विभाग को वापस कर दी थी.