अमेरिकी नेवी सील टीम 6 का उत्तर कोरिया में रहस्यमय मिशन: क्या हुआ था उस रात?

अमेरिकी नेवी सील टीम 6 का उत्तर कोरिया में रहस्यमय मिशन: क्या हुआ था उस रात?

2019 में अमेरिका की स्पेशल फोर्स नेवी सील टीम 6 के रेड स्क्वॉड्रन ने उत्तर कोरिया में एक बेहद गुप्त ऑपरेशन को अंजाम देने की कोशिश की थी। इस मिशन का मकसद था उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन की संचार व्यवस्था पर नजर रखने के लिए एक जासूसी डिवाइस स्थापित करना। डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति रहते, यह ऑपरेशन तब शुरू किया गया जब अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच परमाणु वार्ता चल रही थी।

मिशन की चुनौतियां

मिशन की तैयारी के लिए सील कमांडोज़ ने महीनों ठंडे पानी में अभ्यास किया। योजना थी कि ये कमांडो एक परमाणु पनडुब्बी से निकलकर दो स्टील्थ मिनी-सबमरीन (वेट सब्स) के जरिए उत्तर कोरियाई तट तक पहुँचेंगे। वहां वे जासूसी उपकरण लगाएंगे और सुरक्षाबलों की नजरों से बचकर वापस लौटेंगे।

अप्रत्याशित मोड़

मिशन के दौरान हालात बदले जब तट के पास एक उत्तर कोरियाई मछली पकड़ने की नाव अचानक आ गई। कमांडोज़ और मिशन कमांडर के बीच कोई संपर्क नहीं हो सका और पहचान का खतरा बढ़ गया। इसी दौरान एक अनुभवी सील ने फायरिंग शुरू कर दी और बाकी कमांडो भी शामिल हो गए। नाव पर मौजूद सारे लोग मारे गए, जो असल में निहत्थे नागरिक थे और वहां शंख व सीपियां बीन रहे थे।

मिशन का अंत और परिणाम

इस हादसे के बाद मिशन बीच में ही रोकना पड़ा और डिवाइस नहीं लगाई जा सकी। इसके कुछ समय बाद इलाके में उत्तर कोरियाई सैन्य गतिविधि बढ़ गई, जिसे अमेरिका ने सैटेलाइट से नोट किया, लेकिन उत्तर कोरिया को असली घटना का पता चला या नहीं - यह स्पष्ट नहीं है। बाद में यह मिशन सार्वजनिक तौर पर स्वीकार नहीं किया गया, लेकिन इसमें शामिल अफसरों को प्रमोशन मिला। 2021 में अमेरिका ने इसकी जांच शुरू की और कांग्रेस के कुछ सदस्यों को जानकारी दी, लेकिन रिपोर्ट आज भी गोपनीय है।

राजनीतिक और कूटनीतिक असर

मिशन के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन से वियतनाम सम्मिट में मुलाकात की थी, लेकिन कोई समझौता नहीं हो सका। इस घटना के कुछ महीने बाद उत्तर कोरिया ने मिसाइल परीक्षण फिर से शुरू कर दिए थे।