22 सितंबर के बाद GST कानून में बड़ा बदलाव: कई चीजें हुईं जीरो जीएसटी
सरकार ने तीन सितंबर को 49वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में बड़ा फैसला लेते हुए 22 सितंबर, 2025 से लागू होने वाले नए GST सुधारों की घोषणा की है। मुख्य वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि इन बदलावों से आम जनता पर काफी राहत मिलेगी और रोजमर्रा की जरूरत की कई चीजें बेहद सस्ती हो जाएंगी। इस बदलाव के बाद जीएसटी काउंसिल ने 12% और 28% के टैक्स स्लैब को पूरी तरह खत्म कर दिया है। अब सिर्फ दो टैक्स स्लैब (5% और 18%) ही रखे गए हैं। 12% स्लैब की अधिकांश चीजों को 5% वाले स्लैब में डाल दिया गया है, वहीं 28% स्लैब वाली चीजों को 18% स्लैब में शामिल कर दिया गया है।
लेकिन सबसे बड़ा बदलाव यह है कि कुछ चीजों पर पूरी तरह से जीएसटी हटा दिया गया है। अब ये चीजें पहले से कहीं ज्यादा सस्ती होंगी। आइए जानते हैं कौन-कौन सी वस्तुएं हो गईं जीरो टैक्स:
किन-किन चीजों पर लगेगा 0% जीएसटी?
| आइटम्स | पुरानी जीएसटी | नई जीएसटी |
|---|---|---|
| पनीर और छेना (प्री-पैकेज्ड/लेबल्ड) | 5% | 0% |
| UHT (अल्ट्रा-हाई टेम्परेचर) दूध | 5% | 0% |
| पिज्जा ब्रेड | 5% | 0% |
| खाखरा, चपाती या रोटी | 5% | 0% |
| पराठा, कुल्चा और अन्य पारंपरिक ब्रेड | 5% | 0% |
| व्यक्तिगत स्वास्थ्य और जीवन बीमा | 18% | 0% |
| चुनिंदा जीवन रक्षक दवाएं (33 दवाएं) | अलग-अलग | 0% |
| मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन | 12% | 0% |
| शार्पनर, क्रेयॉन और पेस्टल | 12% | 0% |
| कॉपी, नोटबुक, पेंसिल, इरेजर | 12% | 0% |
खाद्य सामग्री
सबसे पहले, दूध से बने उत्पाद जैसे पनीर, छेना, UHT दूध, और ब्रेड, रोटी, पराठा, कुल्चा जैसी जरूरी खाद्य सामग्रियों को जीरो जीएसटी की श्रेणी में रखा गया है। इसका सीधा मतलब है कि इन चीजों का दाम घर-घर में जरूर गिरेगा।
स्वास्थ्य सेवाएं
स्वास्थ्य क्षेत्र की दवाओं और बीमा पर भी बड़ा बदलाव आया है। व्यक्तिगत स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर अब से कोई जीएसटी नहीं लगेगा। इसके अलावा, 33 जीवन-रक्षक दवाओं पर भी टैक्स हटा लिया गया है। मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन पर अब से जीरो टैक्स होगा, जिससे उपचार लेने वाले मरीजों को भी काफी राहत मिलेगी।
शिक्षा और स्टेशनरी
बच्चों की पढ़ाई से जुड़ी चीजें जैसे शार्पनर, क्रेयॉन, पेस्टल, कॉपी, नोटबुक, पेंसिल, इरेजर जैसी स्टेशनरी पर भी अब से कोई जीएसटी नहीं लगेगा। इससे स्कूल बैग का खर्च भी काफी कम हो जाएगा।
सरकार का उद्देश्य
सरकार का कहना है कि ये सुधार देश के आम नागरिकों की जेब पर सीधा असर डालेंगे। वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि इसका फायदा सीधे अंतिम उपभोक्ता तक पहुंचेगा और महंगाई के बोझ में राहत देगा।