बादलों का बिन बरसे चले जाना किसानो को डरा रहा है
मानसून के चलते कई राज्यों में भारी बारिश देखी जा रही है। पर लखनऊ समेत पूरे प्रदेश में मानसून की चाल धीमी पड़ गई है, जहां लोग तेज धूप और उमस के बीच बारिश के लिए तरस रहे हैं। जुलाई माह की बात करें तो राजधानी में अबतक महज 20.3 मिमी ही बारिश दर्ज हुई है। जिसने मौसम वैज्ञानिक और जियोलॉजिस्ट की चिंता बढ़ा दी है। दरअसल, मानसून कमजोर होने का बुरा असर ग्राउंड वॉटर लेवल से लेकर फसलों तक पर देखने को मिलता है।
कम दबाव का क्षेत्र नहीं बन रहा
राजधानी में मानसून 30 जून को आ चुका है। उस दिन महज 8 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। उसके बाद बादल जरूर आये, लेकिन बारिश एक बार भी नहीं हुई। बीच में बूंदा-बांदी हुई पर उसका कोई खास असर नहीं देखने को मिला। जिसकी वजह से तेज गर्मी और उमस देखने को मिल रही है। आंचलिक मौसम केंद्र के निदेशक जेपी गुप्ता के मुताबिक, सिस्टम यूपी से न गुजर कर, यूपी के साउथ से गुजर रहा है। यानि प्रदेश में कम दबाव का क्षेत्र नहीं बन पा रहा है, जिसकी वजह से दूरस्थ क्षेत्रों में महज हल्की बारिश देखने को ही मिल रही है। फिलहाल राजधानी में बादलों की आवाजाही रहेगी। अभी करीब एक हफ्ते तक मौसम ऐसा ही बना रहेगा।
सिस्टम ट्रिगर नहीं हो पा रहा
एलयू के जियोलॉजी विभाग के डॉ. विभूति राय ने बताया कि क्लाइमेट चेंज बड़ी वजह है। मानसून का सिस्टम वेदर सिस्टम का हिस्सा होता है, जो जून से अगस्त तक होता है। ओडिसा, गुजरात, पहाड़ों में बरसात देखने को मिल रही है। एमपी-यूपी को छोड़कर अन्य जगहों पर रेन सिस्टम डेवलप हो गया है। सेंट्रल में बारिश कम हुई है। लो प्रेशर एरिया बन नहीं पा रहा है। नार्मल सिस्टम जो होना चाहिए वो बदल गया है, जबकि पहले ऐसा नहीं होता था। इसकी वजह से कहीं तेज और कहीं बारिश न के बराबर हो रही है।
एक हफ्ते बाद तेज बारिश की उम्मीद
डॉ. राय आगे बताते हैं कि उम्मीद है कि एक हफ्ते में मानसून मजबूत हो सकता है। जिसके बाद तेज बारिश होने की संभावना है। सिस्टम बन रहा है लेकिन ट्रिगर नहीं हो पा रहा है। ऐसे में देर से मानसून असर दिखाएगा। अभी 30 फीसदी बारिश भी नहीं हुई है। यूपी में फसलों के लिए बारिश बेहद जरूरी है। सेटेलाइट इमेज देखने से लग रहा है कि सिस्टम थोड़ा धीमा है, जो आगे चलकर मजबूत होगा। उमस बहुत ज्यादा है, उसमें कोई कमी नहीं है। जब तक यह सिस्टम ऊपर नहीं जायेगा, बारिश नहीं होगी। ऐसे में एक हफ्ते बाद स्थितियों में परिवर्तन होने की उम्मीद है।