पाकिस्तान में गाजा मुद्दे को लेकर हिंसक प्रदर्शन: लाहौर में पुलिस के साथ झड़प, कई मौतें, इस्लामाबाद की ओर मार्च
पाकिस्तान के लाहौर में सोमवार को गाजा मुद्दे पर हुए एक विरोध मार्च के दौरान इस्लामी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के समर्थकों और पुलिस के बीच जबरदस्त झड़प हो गई। इस झड़प में कम से कम एक पुलिस अधिकारी और कई प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई, जबकि टीएलपी प्रमुख साद रिज़वी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
घटना का ब्यौरा:
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यह मार्च पूर्वी पाकिस्तान से शुरू होकर इस्लामाबाद स्थित अमेरिकी दूतावास तक पहुंचने का उद्देश्य था।
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असिस्टेंट पुलिस प्रमुख उस्मान अनवर ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बल पर गोलीबारी की, जिससे एक अधिकारी की मौत हो गई और अन्य घायल हो गए।
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टीएलपी के बयान के अनुसार, पुलिस फायरिंग में पार्टी प्रमुख साद रिज़वी कई गोलियां लगने से गंभीर रूप से घायल हुए हैं। सोशल मीडिया पर रिज़वी की मौत की खबरें आईं, लेकिन विश्वस्त सूत्रों ने पुष्टि की कि वे ज़िंदा हैं मगर हालत गंभीर है।
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झड़प के दौरान रिज़वी ने सोशल मीडिया वीडियो में सुरक्षा बलों से गोलीबारी बंद करने की अपील की और बातचीत की इच्छा जताई। इसी बीच गनशॉट्स की आवाजें भी सुनी गईं।
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सोशल मीडिया पर वायरल एक अन्य वीडियो में दिखाया गया कि प्रदर्शनकारियों द्वारा कई गाड़ियां जलाई गईं, इनमें टीएलपी कार्यकर्ताओं को ले जा रहा ट्रक भी शामिल था।
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पुलिस ने हिंसा के दौरान 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है।
प्रदर्शन की प्रतिक्रिया और विवाद:
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प्रदर्शनकारी लगातार इस्लामाबाद में अमेरिकी दूतावास के बाहर प्रदर्शन करने के लिए अड़े हुए हैं।
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पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए ऑपरेशन चलाया, जिसमें पुलिस बल पर फायरिंग भी की गई।
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एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को ताजा झड़पें तब शुरू हुईं जब प्रदर्शनकारियों ने पुलिस द्वारा सड़कों पर लगाए गए कंटेनरों को हटाने की कोशिश की।
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टीएलपी, जो अतीत में भी बड़े और हिंसक प्रदर्शनों के लिए जाना जाता है, को लेकर पाकिस्तान में मिला-जुला रुख देखा गया। कुछ लोग मानते हैं कि पार्टी ने मुद्दे को गलत समय पर उठाया, जबकि कुछ लोग सरकार को प्रदर्शन से पहले ही सड़कों को बंद करने के लिए जिम्मेदार मान रहे हैं।
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पाकिस्तान के उप गृह मंत्री तलाल चौधरी ने कहा कि उन्हें समझ नहीं आता कि टीएलपी ने गाजा में शांति के जश्न की बजाय हिंसा का रास्ता क्यों चुना।
टीएलपी की पृष्ठभूमि
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टीएलपी को पाकिस्तान की 2018 की चुनावी राजनीति में देश के ब्लास्फेमी कानून के पक्ष में अभियान चलाने से खास पहचान मिली थी। वे मुख्य रूप से इस्लाम के अपमान के विरोध में विदेशों में कुरान के अपवित्र किए जाने पर हिंसक प्रदर्शन करते रहे हैं।
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पार्टी ने पिछले सालों में भी लाहौर और अन्य शहरों में फिलिस्तीन के समर्थन में विरोध मार्च आयोजित किए हैं।