अमेरिका में H-1B वीजा धारकों के लिए नए नियम: रविवार से 88 लाख फीस भरे बिना इंट्री नहीं!

अमेरिका में H-1B वीजा धारकों के लिए नए नियम: रविवार से 88 लाख फीस भरे बिना इंट्री नहीं!

नई दिल्ली, 20 सितंबर 2025: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीजा धारकों के लिए एक बड़ा झटका दिया है। उनके नए कार्यकारी आदेश के तहत, अब भारत समेत अन्य देशों के स्किल्ड विदेशी कर्मचारियों को अमेरिका में प्रवेश तभी मिलेगा, जब उनकी कंपनी हर कर्मचारी के लिए सालाना 1,00,000 अमेरिकी डॉलर (करीब 88 लाख रुपये) की फीस भरेगी। यह नियम रविवार, 21 सितंबर 2025 को रात 12:01 बजे EDT (भारतीय समयानुसार सुबह 9:30 बजे) से लागू हो जाएगा।

क्या है नया नियम?

  • मौजूदा वीजा धारकों के लिए भी नए नियम: न केवल नए H-1B वीजा आवेदनों के लिए, बल्कि एक्सटेंशन के लिए भी यह वार्षिक फीस जरूरी होगी।

  • कंपनी को देनी होगी फीस: अब फीस कर्मचारी से नहीं, बल्कि कंपनी को देनी होगी। यह फीस पिछली राशि (1,500 डॉलर) से 66 गुना ज्यादा है।

  • अमेरिका में इंट्री पर रोक: अगर कंपनी फीस नहीं भरेगी तो वीजा धारक अमेरिका में प्रवेश ही नहीं कर पाएंगे, चाहे उनका वीजा वैध हो।

भारत-अमेरिका रिश्तों पर असर

  • भारतीय प्रोफेशनल्स पर सबसे ज्यादा असर: अमेरिका में जारी किए जाने वाले 4 लाख H-1B वीजा में से 72% भारतीयों को मिलते हैं।

  • बड़ी टेक कंपनियों ने कर्मचारियों को समय पर वापस आने को कहा: माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी कंपनियों ने भारत से लौटे अपने कर्मचारियों को जल्द से जल्द वापस आने की सलाह दी है।

  • वीजा धारकों का मुसीबत में फंसना: जो लोग अपने वीजा पर अमेरिका से बाहर गए हैं, उनके लिए 21 सितंबर की मध्यरात्रि से पहले लौट पाना लगभग नामुमकिन है, क्योंकि भारत से सीधी उड़ानें समय पर वापसी में सक्षम नहीं हैं।

  • छंटनी का खतरा: कंपनियां अब सिर्फ बहुत जरूरी कर्मचारियों के लिए इतनी बड़ी रकम चुकाने को तैयार होंगी, जिससे कर्मचारियों की छंटनी का भी डर पैदा हो गया है।

सरकारी और विशेषज्ञों की राय

  • प्रतिबंध में छूट का प्रावधान: सरकार ने कहा है कि अगर कोई प्रोफेशनल राष्ट्रीय हित में लाभदायक है और सुरक्षा के लिए खतरा नहीं है, तो उसके लिए प्रतिबंध में छूट मिल सकती है।

  • नियम 12 माह के लिए, संभव है विस्तार: यह फैसला अभी 12 महीने के लिए लागू है, लेकिन संबंधित एजेंसी की सिफारिश पर इसे बढ़ाया जा सकता है।

  • भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर नहीं, अमेरिका के लिए नुकसान: कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान नहीं होगा, बल्कि अमेरिका में स्किल्ड वर्कर्स की कमी आ सकती है।

आगे क्या होगा?

  • ग्रीन कार्ड के इंतजार में लाखों भारतीय: करीब 10 लाख भारतीयों को अमेरिका में ग्रीन कार्ड मिलने का इंतजार है।

  • भारत के लिए मौका भी: कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह फैसला इनोवेशन के लिहाज से भारत में जॉब मार्केट के विस्तार का मौका बन सकता है।