चीन 'व्यापार युद्ध से नहीं डरता', अमेरिका पर दुर्लभ पृथ्वी के प्रतिशोध में 'दोहरे मापदंड' अपनाने का आरोप लगाया

चीन 'व्यापार युद्ध से नहीं डरता', अमेरिका पर दुर्लभ पृथ्वी के प्रतिशोध में 'दोहरे मापदंड' अपनाने का आरोप लगाया
China’s and U.S.′ flags are seen printed on paper in this illustration taken January 27, 2022.

चीन ने दुर्लभ खनिजों (रेयर अर्थ) के निर्यात पर नई पाबंदियों को अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत “वैध” बताया है और अमेरिका पर दोगलापन करने का आरोप लगाया है। बीजिंग का कहना है कि उसकी नई एक्सपोर्ट कंट्रोल नीति वैश्विक शांति और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए जरूरी है, और ये सिर्फ सुरक्षा माहौल में उठाए गए वैध कदम हैं।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 10 अक्टूबर को चीन से सामानों के आयात पर 100% नए टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। इसके जवाब में चीन ने कहा कि इन अमेरिकी फैसलों से दोनों देशों के बीच व्यापारिक वार्ता गंभीर रूप से प्रभावित हुई है।

चीन के वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक, नई नीति के अनुसार रेयर अर्थ का निर्यात या उससे संबंधित तकनीक बाहर भेजने के लिए विदेशी ऑर्गनाइजेशन को लाइसेंस लेना जरूरी होगा। यदि प्रोडक्ट में 0.1% से ज्यादा चीनी स्रोत रेयर अर्थ इस्तेमाल हुआ है या चीनी तकनीक से बना है, तो उसे लाइसेंस चाहिए। सैन्य इस्तेमाल की आशंका होने पर आवेदन नामंजूर किए जाएंगे।

यूरोपियन बिजनेस चैंबर इन चाइना के अनुसार बीजिंग की नई पाबंदियों से एक्सपोर्ट लाइसेंस के आवेदन लंबित हैं और इससे वैश्विक सप्लाई चेन में अतिरिक्त जटिलता बढ़ गई है।

ट्रंप ने इसी के प्रतिक्रियास्वरूप चीन से सभी आयातित सामानों पर 100% टैरिफ और सभी जरूरी सॉफ्टवेयर पर एक्सपोर्ट कंट्रोल लगाने का आदेश दिया है। इस कदम के बाद दुनियाभर के शेयर बाजार में भारी गिरावट आई और एक ही दिन में दो ट्रिलियन डॉलर का बाजार मूल्य मिट गया।

चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने यह भी कहा कि अमेरिका के कंट्रोल लिस्ट में 3,000 से ज्यादा आइटम हैं, जबकि चीन की लिस्ट में 1,000 से भी कम हैं। चीन वैश्विक रेयर अर्थ सप्लाई का 70% नियंत्रित करता है और कई बार इन्हें व्यापार वार्ता के लिए रणनीतिक हथियार की तरह उपयोग किया है।

इसके अलावा, चीन ने 14 अक्टूबर से अमेरिकी जहाजों से पोर्ट शुल्क वसूलने का ऐलान किया है, जिसके जरिए वह अमेरिका के नए शुल्क का जवाब दे रहा है। चीनी मंत्रालय ने इसे “रक्षात्मक कार्रवाई” बताया और कहा कि अमेरिकी नीति ने दोनों देशों के बीच आर्थिक संवाद को नुकसान पहुंचाया है।

पिछले कुछ महीनों में जिनेवा, लंदन, स्टॉकहोम, और मैड्रिड में ट्रेड वार्ता हुई है। हाल ही में ट्रंप और शी जिनपिंग ने एशिया पैसिफिक इकोनॉमिक कोऑपरेशन सम्मेलन के दौरान मुलाकात पर सहमति जताई थी, लेकिन ट्रंप ने नवीनतम प्रतिबंधों के बाद अपनी यात्रा रद्द करने की धमकी दी है।