चुनाव के ऐलान से पहले पटना में दौड़ी मेट्रो:अचानक सीट से उठकर बाहर का नजारा देखने लगे नीतीश; कल से कर पाएंगे सफर, जानिए किराया
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 6 अक्टूबर, 2025 को पटना मेट्रो रेल परियोजना के पहले चरण का औपचारिक उद्घाटन किया, जिसके बाद पटना भारत का 24वां मेट्रो शहर बन गया है. आम जनता के लिए मेट्रो सेवा 7 अक्टूबर से प्रारंभ हो रही है.
उद्घाटन और घटनाक्रम
उद्घाटन समारोह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में पाटलिपुत्र बस डिपो (न्यू आईएसबीटी) के पास स्थित मेट्रो स्टेशन पर आयोजित किया गया था. सीएम ने उद्घाटन के बाद भूतनाथ मेट्रो स्टेशन तक मेट्रो ट्रेन से यात्रा की. इस ऐतिहासिक अवसर पर डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा सहित कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे.
रूट और मार्ग
पहले चरण में पटना मेट्रो की ब्लू लाइन (कॉरिडोर-2) के प्राथमिकता वाले भाग को संचालित किया जा रहा है, जो न्यू आईएसबीटी से लेकर जीरो माइल और भूतनाथ रोड तक फैला हुआ है. कुछ स्रोतों के अनुसार यह रूट लगभग 3.6 किलोमीटर लंबा है, जबकि अन्य स्रोतों के अनुसार यह 4.3 या 4.5 किलोमीटर तक बताया गया है. यह रूट शहर के बढ़ते यातायात के दबाव को कम करने और सार्वजनिक परिवहन को बेहतर बनाने के लिए बनाया गया है.
मेट्रो सेवा की जानकारी
मेट्रो ट्रेन की तकनीकी विशेषताएं
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गति: शुरुआत में मेट्रो की अधिकतम गति 40 किलोमीटर प्रति घंटा होगी.
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क्षमता: प्रत्येक मेट्रो ट्रेन में तीन कोच होंगे, जिसमें लगभग 138 यात्री बैठ सकते हैं और 945 यात्री खड़े होकर यात्रा कर सकते हैं.
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सुरक्षा व्यवस्था: हर कोच में 360-डिग्री सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, और आपात स्थिति के लिए दो इमरजेंसी बटन और माइक्रोफोन की सुविधा उपलब्ध है.
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विशेष आरक्षण: महिलाओं और दिव्यांगजनों के लिए प्रत्येक ट्रेन में 12-12 सीटें आरक्षित हैं.
सांस्कृतिक और सुविधा विशेषताएं
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सांस्कृतिक सजावट: मेट्रो के कोच को बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए मधुबनी पेंटिंग से सजाया गया है.
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प्रादेशिक धरोहर: कोच के अंदर गोलघर, महावीर मंदिर, महाबोधि वृक्ष, बुद्ध स्तूप और नालंदा के खंडहर जैसे बिहार के विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों के आकर्षक स्टिकर लगाए गए हैं.
भविष्य की योजनाएं
उद्घाटन के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कॉरिडोर वन के तहत पटना जंक्शन सहित छह भूमिगत मेट्रो स्टेशनों और 9.35 किलोमीटर लंबी सुरंग की आधारशिला भी रखी. पूर्ण होने के बाद, ब्लू लाइन 16.2 किलोमीटर के मार्ग को कवर करेगी, जिसमें पांच एलिवेटेड और सात भूमिगत स्टेशन शामिल होंगे. इस परियोजना से पटना में परिवहन प्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन आने और यातायात के जाम से राहत मिलने की उम्मीद है.