पुतिन बोले- अमेरिका के दबाव के आगे भारत नहीं झुकेगा:मैं PM मोदी को जानता हूं, भारतीय अपमान बर्दाश्त नहीं करते

पुतिन बोले- अमेरिका के दबाव के आगे भारत नहीं झुकेगा:मैं PM मोदी को जानता हूं, भारतीय अपमान बर्दाश्त नहीं करते

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में सार्वजनिक रूप से भारत की सराहना की और जोर दिया कि भारत अमेरिकी दबाव के आगे कभी नहीं झुकेगा, खासकर रूसी तेल आयात को लेकर। पुतिन ने दक्षिणी रूस के सोची शहर में वल्दाई डिस्कशन क्लब के एक कार्यक्रम में यह बयान दिया।

पुतिन ने कहा कि अमेरिका लगातार भारत पर दबाव बना रहा है कि वह रूस से तेल आयात बंद करे, लेकिन भारत ने इस बारे में अपना स्वतंत्र निर्णय लिया है और आगे भी ऐसा ही करेगा। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसा कोई फैसला नहीं करेंगे, जिससे देश की संप्रभुता और हितों पर आंच आए। पुतिन ने यह भी जोड़ा कि उन्होंने खुद प्रधानमंत्री मोदी को देखा है और उन पर भरोसा है कि वे भारत की गरिमा कभी दांव पर नहीं लगाएंगे।

अमेरिका ने रूसी तेल खरीदने के लिए भारत पर अतिरिक्त 25% टैरिफ लगा दिया है, जिससे कुल टैरिफ 50% तक पहुंच गया है। पुतिन ने कहा कि अगर भारत रूसी तेल खरीदना बंद कर देता है, तो इससे उसे 9 से 10 अरब डॉलर (लगभग 75 से 83 हजार करोड़ रुपये) का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। साथ ही, उन्होंने चेतावनी दी कि वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतें बढ़कर 100 डॉलर प्रति बैरल से भी ऊपर जा सकती हैं, जिससे पूरी विश्व अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा।

पुतिन ने यह भी उल्लेख किया कि अमेरिका खुद रूस से समृद्ध यूरेनियम खरीदता है, जबकि भारत-चीन जैसे देशों को रूसी ऊर्जा न खरीदने का दबाव देता है। उन्होंने कहा, "भारत और चीन जैसी प्राचीन सभ्यताएं किसी भी अल्टीमेटम के आगे नहीं झुकेंगी। औपनिवेशिक दौर अब खत्म हो चुका है"। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भी इसी तरह का बयान देते हुए कहा कि भारत जैसे देश कभी भी बाहरी दबाव स्वीकार नहीं करेंगे।

राजनीतिक और आर्थिक संबंधों की मजबूती
पुतिन ने भारत-रूस के बीच सदियों पुराने संबंधों को याद करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच कभी कोई गंभीर समस्या नहीं रही। उन्होंने घोषणा की कि वह दिसंबर में भारत की यात्रा पर आएंगे और द्विपक्षीय सहयोग को और गहरा करेंगे। पुतिन ने रूसी सरकार को आदेश दिया कि भारत के साथ व्यापार असंतुलन को कम करने के लिए कृषि उत्पाद और दवाइयों के आयात को बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि भारत को अमेरिकी टैरिफ से होने वाले नुकसान की भरपाई रूसी तेल की खरीद से हो जाएगी।

कुल मिलाकर:
पुतिन के इस बयान का मुख्य सार यह है कि भारत अपनी रणनीतिक स्वायत्तता और संप्रभुता को किसी भी बाहरी दबाव में समझौता नहीं करेगा। पीएम मोदी पर रूस की पूरी उम्मीद है और रूस आर्थिक सहयोग के साथ-साथ भारत के इस फैसले को भी कूटनीतिक रूप से समर्थन दे रहा है।

प्रमुख बिंदु विवरण
अमेरिकी दबाव भारत पर रूसी तेल न खरीदने का दबाव, अतिरिक्त टैरिफ लागू
भारत का रुख रूसी तेल आयात जारी रखने का फैसला, संप्रभुता की रक्षा की प्रतिबद्धता
पुतिन की टिप्पणी मोदी पर भरोसा, भारतीय लोग अपमान नहीं सहेंगे, वैश्विक बाजार पर नकारात्मक असर की चेतावनी
आर्थिक सहयोग व्यापार असंतुलन कम करने के उपाय, दवाइयों और कृषि उत्पादों का आयात बढ़ाया जाएगा
भविष्य की योजना पुतिन की दिसंबर में भारत यात्रा, द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने की योजना