IRCTC SCAM: फ्रॉड, साजिश और पद का दुरुपयोग, लालू फैमिली पर फैसले में कोर्ट ने क्या कहा, क्या-क्या धाराएं लगाईं?

IRCTC SCAM: फ्रॉड, साजिश और पद का दुरुपयोग, लालू फैमिली पर फैसले में कोर्ट ने क्या कहा, क्या-क्या धाराएं लगाईं?
कोर्ट ने लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी पर IPC की धारा 420 के तहत आरोप लगाने को कहा है.

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी एवं पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी तथा बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के खिलाफ आईआरसीटीसी घोटाला मामले में आरोप तय कर दिए हैं. कोर्ट ने इस मामले में अपने आदेश में कड़े शब्दों का प्रयोग करते हुए भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (IRCTC) में हुई कथित अनियमितताओं से जुड़े भ्रष्टाचार की जांच को आगे बढ़ाने का आदेश दिया.

अदालत के आरोप

विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने लालू यादव के खिलाफ कहा कि उन्होंने षड्यंत्र रचा, लोक सेवक के रूप में अपने पद का दुरुपयोग किया, टेंडर प्रक्रिया में दखल दिया और टेंडर प्राप्त करने की शर्तों में हेरफेर किए गए. अदालत ने यह भी उल्लेख किया कि लालू यादव ने विजय कोचर तथा विनय कोचर से जमीन के टुकड़ों की कम कीमत पर खरीद की साजिश रची और फिर उन जमीनों पर प्रभावी नियंत्रण राबड़ी व तेजस्वी को सौंपने की योजना बनाई गई.

जवाब और साक्ष्य

अदालत ने लालू यादव से उनके खिलाफ आरोपों को स्वीकार करने के बारे में पूछा, जिस पर उन्होंने खुद को बेगुनाह बताया. इसी प्रश्न को राबड़ी देवी तथा तेजस्वी यादव से भी पूछा गया, जिन्होंने भी आरोपों को गलत बताया. सीबीआई ने लालू यादव पर रेल मंत्री रहने के दौरान पद का दुरुपयोग करने के आरोप के समर्थन में साक्ष्य प्रस्तुत किए, जिसे अदालत ने पर्याप्त माना.

लागू धाराएं

लालू यादव पर लोक सेवक के रूप में साजिश, धोखाधड़ी तथा आपराधिक कदाचार के आरोप लगाए गए हैं । अदालत ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 13(2) के तहत आरोप तय किए हैं, जो कम से कम एक वर्ष और अधिकतम सात वर्ष की कैद का प्रावधान करती है. इसके अलावा, आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), धारा 120B (साजिश) तथा धारा 32 (सामान्य आरोप) के तहत भी आरोप लगाए गए हैं.

मामले की पृष्ठभूमि

यह मामला 2004 से 2009 के बीच लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान का है । आरोप है कि उन्होंने आईआरसीटीसी के बीएनआर होटल (रांची, झारखंड) और पुरी होटल (ओडिशा) के रखरखाव एवं सुधार के ठेके अपनी पत्नी राबड़ी देवी की कंपनी सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड को अनुचित तरीके से दिलवाए । इसके बदले में परिवार को वित्तीय लाभ पहुंचाया गया, जिसमें पारदर्शिता की कमी तथा पक्षपातपूर्ण आवंटन का आरोप है । कुल 14 आरोपी इस मामले में शामिल हैं, जिनमें आईआरसीटीसी के पूर्व अधिकारी वी.के. अस्थाना, आर.के. गोयल तथा कोचर बंधु भी शामिल हैं । सीबीआई ने इसे एक सुनियोजित साजिश बताया है, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचा है ।