संघ ने कड़वाहट नहीं रखी, भले ही उस पर प्रतिबंध लगाने की कोशिशें हुईं’: RSS के शताब्दी कार्यक्रम में बोले प्रधानमंत्री मोदी

संघ ने कड़वाहट नहीं रखी, भले ही उस पर प्रतिबंध लगाने की कोशिशें हुईं’: RSS के शताब्दी कार्यक्रम में बोले प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के शताब्दी समारोह के अवसर पर देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि संघ ने कभी भी कड़वाहट नहीं रखी, भले ही उस पर झूठे केस दर्ज करने या बैन लगाने की कई कोशिशें हुईं।
उन्होंने कहा, “RSS ने कभी भी कड़वाहट नहीं रखी, चाहे उनके खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए गए हों, प्रतिबंध लगाने की कोशिशें हुई हों या अन्य चुनौतियाँ सामने आई हों। हम समाज का हिस्सा हैं, जहाँ अच्छाई-बुराई दोनों को स्वीकार करना पड़ता है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने संघ के ऐतिहासिक योगदान को रेखांकित किया
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि “संघ ने अंग्रेजों के जुल्म के खिलाफ लड़ाई लड़ी। संघ का एकमात्र उद्देश्य हमेशा राष्ट्रभक्ति रहा है।”
उन्होंने बताया कि RSS पर कई बार दबाव डालने, उसकी भावना को दबाने, और उस पर आरोप लगाने की कोशिशें हुईं। “फिर भी, संघ ने कभी भी प्रतिशोध की भावना से कोई लड़ाई नहीं लड़ी।”

इतिहास में उतार-चढ़ाव के दौर
The Organiser (RSS का मुखपत्र) के अनुसार, महात्मा गांधी की हत्या के बाद 1 फरवरी 1948 की रात को श्री गुरुजी को गिरफ्तार किया गया और 4 फरवरी 1948 को संघ पर बैन लगा दिया गया था।
जांच के दौरान पुष्टि हो गई थी कि RSS का उस कांड से कोई लेना-देना नहीं था, जिसके बाद श्री गुरुजी छह महीने के बाद रिहा हुए। फिर भी, नवंबर 1948 में उन्हें फिर से गिरफ्तार किया गया था, जब उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में शामिल होने से इनकार कर दिया था।

मुखपत्र ‘The Organiser’ की रिपोर्ट के अनुसार, इन हालात के बीच संघ के स्वयंसेवकों ने राष्ट्रव्यापी सत्याग्रह चलाया और सरकार की कार्रवाई की आलोचना की।
जनता के दबाव से अंततः 12 जुलाई 1949 को संघ पर बिना शर्त प्रतिबंध हटा लिया गया, और अगले ही दिन श्री गुरुजी को भी रिहा कर दिया गया। उनके खिलाफ बाद में भी, जैसे बिहार में 1954 में, मामले दर्ज किए गए, लेकिन अदालत ने उन्हें बरी कर दिया, जिससे RSS को औपचारिक रूप से निर्दोष घोषित किया गया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि RSS शताब्दी देखना सौभाग्य की बात
पीएम मोदी ने कहा कि “संघ के 100 वर्षों की यात्रा का साक्षी बनना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। संघ की तपस्या और राष्ट्र सेवा का मार्ग हर भारतीय के लिए प्रेरणादायक है।”