सूर्य ग्रहण के साए में शुरू होगी नवरात्र, जानें कैसे और कब होगी घटस्थापना
हिंदी धर्म में प्रतिवर्ष मनाए जाने वाले महत्वपूर्ण पर्वों में शारदीय नवरात्र का विशेष स्थान है। यह पर्व नौ दिनों तक चलता है, जिसमें मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना और श्रद्धालु प्रायः व्रत रखकर माता की आराधना में लीन होते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
इस वर्ष शारदीय नवरात्र 22 सितंबर, 2025 से आरंभ हो रहे हैं। विशेष बात यह है कि इससे ठीक एक दिन पहले, यानी 21 सितंबर की रात 11 बजे से 22 सितंबर की सुबह 3:23 तक, साल का अंतिम सूर्य ग्रहण लगेगा। ज्योतिषियों के अनुसार, यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका नवरात्र और घटस्थापना पर कोई धार्मिक प्रभाव नहीं पड़ेगा। जानकारी के अनुसार, केवल उन्हीं ग्रहणों का धार्मिक गतिविधियों पर प्रभाव पड़ता है जो भारत में दृश्य होते हैं।
नवरात्र की तिथि और समय
आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 22 सितंबर, 2025 की रात 1:23 से लेकर 23 सितंबर की रात 2:55 तक रहेगी। यही कारण है कि 22 सितंबर से नवरात्र की शुरुआत होगी और कलश स्थापना (घटस्थापना) के साथ यह उत्सव शुरू किया जाएगा।
घटस्थापना का महत्व और मुहूर्त
नवरात्र की शुरुआत में घटस्थापना का अनुष्ठान किया जाता है, जिसे सकारात्मक ऊर्जा, शक्ति और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, घटस्थापना प्रतिपदा तिथि के दौरान ही करने का विधान है। द्रिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष घटस्थापना का मुख्य मुहूर्त 22 सितंबर को सुबह 6:09 से 8:06 तक है, जबकि अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:49 से दोपहर 12:38 तक रहेगा।
मुख्य बिंदु
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शारदीय नवरात्र 22 सितंबर, 2025 से शुरू होंगे।
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घटस्थापना का मुख्य मुहूर्त: 22 सितंबर, सुबह 6:09 से 8:06
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अभिजीत मुहूर्त: 22 सितंबर, सुबह 11:49 से 12:38
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शारदीय नवरात्र की प्रतिपदा तिथि: 22 सितंबर, रात 1:23 से 23 सितंबर, रात 2:55 तक
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भारत में ग्रहण दृश्य नहीं होने के कारण नवरात्र पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।