मंगलवार को वैशाख कृष्ण एकादशी; पूजा-पाठ के साथ ही जल का और छाया का दान करें
Vaishakh Krishna Ekadashi on Tuesday Donate water and shadow along with worship
मंगलवार, 26 अप्रैल को वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी है। इसे वरुथिनी एकादशी कहा जाता है। इस तिथि पर भगवान विष्णु और उनके अवतारों की विशेष पूजा करने की परंपरा है। मंगलवार को एकादशी होने से इस दिन हनुमान जी और मंगल ग्रह की भी पूजा करें। अभी गर्मी का समय है। इस एकादशी पर जल का दान करें यानी सार्वजनिक स्थान पर प्याऊ लगाएं या किसी प्याऊ में मटके का दान करें। जरूरत मंद लोगों को छाया का दान करें यानी छाते का दान करें।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार स्कंद पुराण के वैष्णव खंड में एकादशी महात्म्य अध्याय में श्रीकृष्ण ने सभी एकादशियों का महत्व पांडवों के बडे़ भाई युधिष्ठिर को बताया है। एकादशी पर किए गए व्रत-उपवास और पूजा-पाठ से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और भगवान की विशेष कृपा मिलती है।
एकादशी पर ऐसे कर सकते हैं भगवान विष्णु की पूजा
- एकादशी की सुबह घर के मंदिर में भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने व्रत और पूजा करने का संकल्प लें। व्रत करने वाले भक्त को दिन भर अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए। जो लोग दिन भर भूखे नहीं रह पाते हैं, वे फलाहार कर सकते हैं।
- शाम को भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करें। भगवान विष्णु को पंचामृत से स्नान कराएं। पंचामृत दूध, दही, घी, शकर और शहद मिलाकर पंचामृत बनाते हैं। पूजा में ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करना चाहिए।
- भगवान को फूल, धूप, नैवेद्य आदि सामग्री चढ़ाएं। दीपक जलाएं। विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करें। एकादशी व्रत कथा सुनें। अगले दिन बुधवार यानी द्वादशी पर ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दान देकर आशीर्वाद प्राप्त करें।
मंगलवार को हनुमान जी और मंगल ग्रह की ऐसे करें पूजा
- हनुमान जी के सामने धूप-दीप जलाएं। सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं। हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- मंगल ग्रह की पूजा शिवलिंग रूप में की जाती है। शिवलिंग पर लाल गुलाल और लाल फूल चढ़ाएं। ऊँ अंगारकाय नम: मंत्र का जाप करें। लाल मसूर की दाल का दान करें।