भाषा विवाद: कंगना रनोट ने भी दिया हिंदी के पक्ष में बयान, कहा, 'संस्कृत होनी चाहिए थी राष्ट्रभाषा'
अजय देवगन और किच्चा सुदीप द्वारा राष्ट्रभाषा को लेकर दिए गए बयानों के बीच अब फिल्म अभिनेत्री कंगना रनोट ने इस विषय पर बयान दिया हैl उन्होंने शुक्रवार को कहा कि संस्कृत देश की राष्ट्रभाषा होनी चाहिएl कंगना रनोट ने अपनी आगामी फिल्म धाकड़ के ट्रेलर लॉन्च के कार्यक्रम में यह बातें कही।
कंगना रनोट ने कहा कि जो हमारा मौजूदा सिस्टम है, सोसायटी है, इसकी भाषा और संस्कृति में काफी विविधता है और हर किसी का जन्मसिद्ध अधिकार है कि वह अपनी भाषा और संस्कृति पर गर्व महसूस करें, लेकिन हमारा जैसा देश है, इसे एक यूनिट बनाने के लिए कोई एक धागा चाहिए, ताकि हम इसे चला सकेंl'
कंगना ने आगे कहा, 'अगर हमें संविधान का सम्मान करना हैl इन लोगों ने जब बनाया तो हिंदी को राष्ट्रभाषा बनायाl तमिल हिंदी से पुरानी है, लेकिन उससे भी पुरानी है संस्कृतl अगर आप मेरा मत जानना चाहते है तो मुझे लगता है राष्ट्रभाषा संस्कृत होनी चाहिए, क्योंकि तमिल, कन्नड़, गुजराती और हिंदी जैसी भाषाएं उसी से आई हुई हैl तो संस्कृत को ना लेकर हिंदी को क्यों बनायाl इसका जवाब मेरे पास नहीं हैl ये उस समय के लिए हुए निर्णय है, लेकिन जब खलिस्तान की मांग होती है और जब वो कहते है कि हम हिंदी को नहीं मानते है, जब युवाओं को भटकाया जाता हैl तब वह हिंदी के बारे में नहीं होताl वे संविधान को भी नहीं मान रहे होते हैl’
कंगना रनोट ने यह भी कहा, 'तमिल का भी मूवमेंट हुआ था, उन्हें एक अलग देश चाहिए थाl जब आप तमिल रिपब्लिक की मांग करते है और कहते है कि मैं हिंदी को भाषा नहीं मानताl तब आप सिर्फ हिंदी को ही नहीं, बल्कि देश की केंद्रीय सरकार को भी नकार रहे होते हैl यह कई लेयर्स की चीज हैl जब आप इस बारे में बात करते है तो आपको इन सभी लेयर्स का अंदाजा होना चाहिएl तो जब भी आप हिंदी को डिनाई करते है तो आप हमारे संविधान और दिल्ली की सरकार को भी डिनाई कर रहे हैl'