यूक्रेनी सेना के गढ़ मारीपोल पर रूस का कब्जा
महीनों चली भीषण लड़ाई के बाद रूस ने मंगलवार को यूक्रेनी सेना के गढ़ मारीपोल पर कब्जा कर लिया। शहर का नियंत्रण अपने हाथों में लेने के बाद रूस ने सैकड़ों यूक्रेनी सैनिकों को अपने कब्जे वाले शहरों में भेज दिया है। इसे यूक्रेन की बड़ी हार माना जा रहा है। साथ ही महीनों से चल रहे युद्ध की समाप्ति की उम्मीद भी लगाई जा रही है। लंबे समय से रूस की भीषण बमबारी का सामना कर रहा मारीपोल अब लगभग मलबे में तब्दील हो चुका है। यूक्रेन का दावा है कि शहर के हजारों लोग इस युद्ध में मारे गए हैं। इस बीच, जर्मनी के चांसलर ओलाफ शुल्ज ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से फोन पर बात कर सैन्य व मानवीय स्थिति की जानकारी ली।
रूस ने मारीपोल में 250 से ज्यादा यूक्रेनी सैनिकों द्वारा समर्पण किए जाने का दावा किया है। दूसरी तरफ, यूक्रेनी सेना के जनरल स्टाफ ने एक बयान में कहा, 'मारीपोल का गढ़ अपने युद्ध अभियान को पूरा कर चुका है। शीर्ष सैन्य नेतृत्व ने यूनिट कमांडरों को सैनिकों के जीवन की रक्षा करने का आदेश दिया है.. मारीपोल के रक्षक हमारे समय से हीरो हैं।' उप रक्षा मंत्री अन्ना मल्यार ने बताया कि 53 घायल सैनिकों को रूस के कब्जे वाले नोवोआजोवस्क, जबकि 211 लोगों को रूस समर्थित ओलेनिवका ले जाया गया है। इनकी रूसी सैनिकों के साथ अदला-बदली होगी। यूक्रेनी सेना ने कहा कि स्टील प्लांट में करीब 600 सैनिकों मौजूद थे।