बिहार विधानसभा चुनाव 2025: एनडीए जारी करेगा साझा घोषणापत्र, एकजुटता का संदेश

बिहार विधानसभा चुनाव 2025: एनडीए जारी करेगा साझा घोषणापत्र, एकजुटता का संदेश

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) अपनी एकता को मजबूत तरीके से प्रदर्शित करने की तैयारी में जुटा है। बूथ स्तर पर संयुक्त कार्यक्रम और विधानसभा क्षेत्रों में सामूहिक सभाओं के बाद अब गठबंधन के सभी घटक दल एक साझा चुनावी घोषणापत्र जारी करने वाले हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल (यूनाइटेड) (जेडीयू) आगामी पांच वर्षों के लिए नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के वादों को एक ही दस्तावेज में प्रस्तुत करेंगे।

यह कदम गठबंधन की मजबूती को उजागर करेगा, विशेष रूप से तब जब विपक्षी महागठबंधन (आरजेडी-कांग्रेस-वाम दल) मतदाता सूची से जुड़े विवादों पर आक्रामक रुख अपनाए हुए है। वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए ने मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन उस समय भाजपा और जेडीयू ने अलग-अलग घोषणापत्र जारी किए थे।

2020 के चुनावी वादों की याद

भाजपा ने 22 अक्टूबर 2020 को अपना संकल्प पत्र जारी किया था, जिसमें मुफ्त कोविड वैक्सीनेशन, 19 लाख युवाओं के लिए रोजगार अवसर, महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण और बिहार में 5 लाख करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करने जैसे प्रमुख वादे शामिल थे। अगले दिन 23 अक्टूबर को जेडीयू ने अपना अलग घोषणापत्र पेश किया, जिसमें 'सात निश्चय योजना' का दूसरा चरण था। इस योजना में पानी, सड़क, बिजली, स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे क्षेत्रों पर मुख्य जोर दिया गया था। इस बार की रणनीति में स्पष्ट बदलाव नजर आ रहा है।

साझा घोषणापत्र की मुख्य विशेषताएं

एनडीए 'विकसित भारत के लिए विकसित बिहार' की थीम पर आधारित घोषणापत्र तैयार कर रहा है। इसमें बिहार में निवेश को बढ़ावा देने, युवाओं के लिए रोजगार सृजन, महिलाओं के लिए विशेष योजनाएं और सामाजिक कल्याण पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। गठबंधन के सूत्रों का कहना है कि यह दस्तावेज नीतीश कुमार के नेतृत्व में हासिल की गई उपलब्धियों को प्रमुखता से उजागर करेगा, जैसे पंचायती चुनावों में महिलाओं को आरक्षण प्रदान करना और बुनियादी ढांचे का विकास।

भाजपा-जेडीयू की नई चुनावी रणनीति

सूत्रों के अनुसार, भाजपा इस बार पारंपरिक चुनाव प्रभारी की नियुक्ति से बच रही है। इसके स्थान पर सहयोगी दलों के साथ मिलकर एक 'चुनाव प्रबंधन समिति' का गठन किया जाएगा, जिसमें भाजपा, जेडीयू और अन्य सहयोगी जैसे लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के नेता शामिल होंगे। यह कदम गठबंधन के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने के लिए है। सामान्यतः भाजपा हर विधानसभा चुनाव के लिए अलग प्रभारी नियुक्त करती रही है, जो संगठन प्रभारी (जैसे वर्तमान राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े) से अलग होता है।

सीट बंटवारे पर समझौता

एनडीए में सीटों के बंटवारे पर भी लगभग सहमति बन चुकी है। मुख्य दल भाजपा और जेडीयू प्रत्येक 100 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, जबकि लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख चिराग पासवान की 40 सीटों की मांग को 20 तक सीमित करने पर बातचीत चल रही है। चुनाव आयोग सितंबर के अंत या अक्टूबर के पहले सप्ताह में चुनाव तिथियों की घोषणा कर सकता है। एनडीए का लक्ष्य हर विधानसभा क्षेत्र में 25 सितंबर तक कार्यकर्ता सम्मेलनों का आयोजन करना है। यह साझा घोषणापत्र मतदाताओं को भाजपा-जेडीयू और उनके अन्य सहयोगियों के बीच एकजुटता का मजबूत संदेश देगा।