बीएमसी चुनाव पर है फोकस
एकनाथ शिंदे की अगुवाली वाली महाराष्ट्र सरकार ने 9 अगस्त को अपनी कैबिनेट का विस्तार किया। इस विस्तार में आने वाले निकाय चुनावों में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को उसके गढ़ मुंबई और औरंगाबाद में मात देने की योजना दिखाई देती है। बता दें कि यह कैबिनेट विस्तार शिंदे सरकार बनने के 35 दिन से अधिक समय बाद किया गया।
वहीं भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि पार्टी अभी बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनाव और शिवसेना के गढ़ औरंगाबाद, ठाणे और कल्याण-डोंबिवली में होने वाले नगर निकायों पर फोकस कर रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए सत्तारूढ़ गठबंधन ने मंत्रिपरिषद का विस्तार किया है। बता दें कि महाराष्ट्र के सियासी उलटफेर के बाद 30 जून को शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने सीएम पद और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी। इसमें विजयकुमार गावित, गिरीश महाजन, गुलाबराव पाटिल, राधाकृष्ण विखे पाटिल, चंद्रकांत पाटिल, दादा भूसे, संजय राठौड, सुरेश खाड़े, संदीपन भुमरे, उदय सामंत, तानाजी सावंत, रवींद्र चव्हाण, अब्दुल सत्तार, दीपक केसरकर, अतुल सावे, शंभूराज देसाई, सुधीर मुनगंटीवार, मंगल प्रभात लोढ़ा के नाम शामिल हैं।
शेलार की अगुवाई में पार्टी ने बीएमसी के 227 वार्डों में से 82 वार्ड जीतकर शानदार प्रदर्शन किया था। भाजपा उस समय की अपनी सहयोगी शिवसेना से सिर्फ दो वार्ड पीछे थी। 1985 में पहली बार नगर निकाय में जीत के बाद से शिवसेना का कब्जा बना हुआ है। वहीं हाल के दिनों में शेलार ने खुद को एक कट्टर ठाकरे विरोधी नेता के रूप में पेश किया है। उन्होंने कथित तौर पर बीएमसी में वित्तीय अनियमितताओं और इसके खराब कामकाज को लेकर शिवसेना को घेरने का काम किया।