पाक के बाद 'ड्रैगन' के लिए दिया भारत को धोखा

पाक के बाद 'ड्रैगन' के लिए दिया भारत को धोखा

भारत के कड़े विरोध के बाद भी चीन का जासूसी जहाज युआन वांग 5 मंगलवार को श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पर पहुंच गया। चीन का सबसे खतरनाक जासूसी जहाज भारत से सिर्फ 1100 किमी की दूरी पर स्थित है। मंगलवार को जब यह जहाज श्रीलंका पहुंचा तो इसका जोरदार स्वागत किया गया। वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में बंदरगाह पर चीन और श्रीलंका के झंडे लहरा रहे थे। एक दिन पहले ही भारत ने श्रीलंकाई नौसेना को एक डोर्नियर समुद्री निगरानी विमान सौंपा था लेकिन श्रीलंका ने एक बार फिर भारत को धोखा दिया है।
भारत नहीं चाहता था कि यह जहाज श्रीलंका आए। कोलंबो ने चीन को इन चिंताओं से अवगत कराया था और जहाज का दौरा टालने का अनुरोध किया था जिसे बीजिंग ने अनसुना कर दिया था। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने विदेश मंत्रालय के हवाले से बताया कि चीन का साइंटिफिक रिसर्च जहाज युआन वांग 5 मंगलवार को श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पर पहुंच गया। चीन के राजदूत क्वी जेनहोंग की ओर से आयोजित स्वागत समारोह में राष्ट्रपति के प्रतिनिधि सहित कई वरिष्ठ श्रीलंकाई अधिकारियों ने शिरकत की। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि डॉक करने के बाद युआन वांग 5 को जरूरी रिसप्लाई को पूरा करने में कुछ समय लगेगा। इसकी साइंटिफिक रिसर्च अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार है और इसमें तीसरे पक्ष को दखल नहीं देना चाहिए। हंबनटोटा से आए वीडियो में देखा जा सकता है कि श्रीलंका किस तरह चीनी जहाज का स्वागत कर रहा है। ये जहाज 16 से 22 अगस्‍त तक हंबनटोटा में रहेगा। श्रीलंका में इस जहाज की मौजूदगी भारत के लिए चिंताजनक इसलिए है क्योंकि यह सैटेलाइट्स को ट्रैक कर सकता है और साथ ही इंटर-कॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल (ICBM) का पता भी लगा सकता है।