आलीशान कोठी में सिर्फ मां-बाप, पोते-पोती देखने थे, बेटे की लाश देखनी पड़ी

In the luxurious cottage only parents and grandchildren were to be seen the son's body had to be seen

आलीशान कोठी में सिर्फ मां-बाप, पोते-पोती देखने थे, बेटे की लाश देखनी पड़ी

एक राजा था, जिसे वरदान मिला वो जिस भी चीज को छूएगा, सोने की बन जाएगी। देखते ही देखते राजा के छूने से कुर्सी, मेज, गमले, पलंग, पेड़ सब सोने के हो गए। राजा को भूख लगी लेकिन खा नहीं पाया, क्योंकि उसके छूने से खाना भी सोने का हो गया। गलती से इकलौती बेटी को छू लिया तो वो भी सोने की हो गई।

कुछ ऐसी ही कहानी है, जोधपुर के दो भाइयों की, जो सबसे बड़े गैंगस्टर बनना चाहते थे। जमीन विवादों में करोड़ों रुपए कमाए। दूसरे गैंगस्टर को मरवाने के लिए करोड़ों की सुपारी दी। लूट, हत्या, फिरौती के 40 से ज्यादा मुकदमे।

दौलत की नुमाइश के लिए आलीशान कोठी बनाई, लग्जरी गाड़ियां खरीदी, लेकिन ये शानो शौकत दोनों ही भाइयों के काम नहीं आई। एक भाई एनकाउंटर में मारा गया और दूसरा पुलिस से बचने के लिए मारा-मारा फिर रहा है। आलाशीन कोठी में सिर्फ बूढ़े मां-बाप हैं, जिन्होंने अपने बेटे को महीनों से नहीं देखा।

पोते-पोती देखने थे, बेटे की लाश देखनी पड़ी


जोधपुर में भास्कर टीम लवली और मोंटू कंडारा के मां-बाप से मिलने के लिए उनके घर पहुंची। आलीशान कोठीनुमा घर, जिसके बाहर खड़ी थी लग्जरी गाड़ियां। घर का गेट खुलने के साथ ही इस चकाचौंध की असलियत सामने आई। इतने बड़े घर में थे सिर्फ दो लोग। लवली और मोंटू के 60 साल पिता रेलवे से रिटायर्ड किशन कुमार और उनकी मां 55 साल की उषा देवी।

मोंटू-लवली का जिक्र आते ही उषा देवी की आंखें और गला भर आया। बोलीं- ‘हमारा परिवार तो बसने से पहले ही उजड़ गया। सोचा था- दोनों बेटों की धूमधाम से शादी होगी। पोते-पोतियों की किलकारी से घर गूंजेगा। 25 साल का बेटा हमेशा के लिए चला गया। बड़े बेटे पर पुलिस ने दर्जनों केस कर दिए। महीनों से उसका चेहरा नहीं देखा। इतना बड़ा घर है लेकिन बेटों के बिना सब सूना है।

शहर के सबसे बड़े गैंगस्टर बनना चाहते थे
लवली कंडारा 10वीं तक पढ़ा हुआ था। दोस्तों के एक झगड़े के कारण वो क्राइम की दुनिया में गया। नाम बनाने के लिए उसने कई वारदातों को अंजाम दिया। जमीन विवाद और वसूली से करोड़ों रुपए कमाए। बड़े भाई मोंटू के खिलाफ पहले से कई मामले दर्ज थे। दोनों भाई शहर में वर्चस्व बनाना चाहते थे।

मोंटू ने अपने दुश्मन गैंगस्टर कैलाश मांजू के खात्मे के लिए विक्रम सिंह नांदिया के साथ मिलकर भीलवाड़ा कॉन्स्टेबल हत्या कांड के मुख्य आरोपी राजू फौजी को 1 करोड़ रुपए की सुपारी भी दी थी। लवली के खिलाफ लूट, हत्या, फिरौती के 12 तो बड़े भाई मोंटू कंडारा के खिलाफ 30 से ज्यादा मामले दर्ज हैं।

करोड़ों के मालिक ने भूखे पेट काटी फरारी
लवली के एक दोस्त ने नाम बताने की शर्त पर बताया कि बचपन में भी मोहल्ले के सारे बच्चे लवली से डरते थे। करोड़ों रुपए थे, लेकिन जब फरारी काट रहा होता था तो खाने के पैसे भी नहीं होते। शर्म के कारण दोस्तों और रिश्तेदारों से भी नहीं मांग पाता। कई बार भूखा सोना पड़ता।