गंगा जल आपूर्ति योजना जुलाई तक पूरी होगी
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर शुरू हुई राज्य की अपनी तरह की पहली गंगा जल आपूर्ति योजना का काम पूरा होने की स्थिति में है। प्रगति की समीक्षा के लिए गुरुवार को मुख्य सचिव आमिर सुबहानी के साथ कई वरीय अधिकारियों ने स्थल निरीक्षण किया और जरूरी निर्देश दिए।
निरीक्षण में वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ, नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव आनन्द किशोर, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के सचिव जितेन्द्र श्रीवास्तव, जल संसाधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार सहित कई वरीय अधिकारी मौजूद थे।
अधिकारियों ने योजना के तहत गया जिले के अवगिल्ला-मानपुर में निर्मित जल शोधन संयंत्र और जल भंडारण टैंक का निरीक्षण किया। इसके बाद तेतर जलाशय में हुए कार्य का जायजा लिया। बाद में अधिकारियों की टीम राजगीर गई, जहां उन्होंने मोतनाजे में निर्मित जल शोधन संयंत्र का जायजा लिया। साथ ही हाथीदह से पाइपलाइन के जरिये आने वाले गंगा जल के स्टोरेज, शुद्धिकरण एवं सप्लाई की विस्तृत समीक्षा की।
पटना लौटने के बाद अधिकारियों ने बताया कि गंगा जल आपूर्ति योजना का कार्य पूर्णता के समीप है। इसका 90 प्रतिशत से अधिक कार्य पूरा हो गया है। योजना को जुलाई 2022 में पूर्ण कर लेने का लक्ष्य है। योजना के तहत हाथीदह के निकट मरांची गांव में इंटेक वेल-सह-पंप हाउस का निर्माण कराया गया है, जहां से बरसात के चार महीनों में गंगा जल को लिफ्ट कर कुल 151 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन के जरिये गया, बोधगया, राजगीर और नवादा शहरों में पहुंचाया जाना है। योजना के तहत स्थापित जलाशयों में गंगा जल का संचय किया जाएगा और नवनिर्मित जल शोधन संयंत्रों में इसका शुद्धिकरण कर चारों शहरों में सालोंभर स्वच्छ पेयजल के रूप में घर-घर आपूर्ति की जाएगी। यह योजना वर्ष 2051 तक की आबादी की पेयजल की जरूरतों को ध्यान में रख कर बनाई गई है। इस योजना से उक्त शहरों में सालोभर पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ-साथ इसका दूरगामी प्रभाव क्षेत्र के पर्यावरण पर भी पड़ेगा। योजना इन जिलों में गिरते भू-जल स्तर को पुनर्स्थापित करने और पर्यावरणीय संतुलन स्थापित करने में सहायक होगी।