भारतीय आधुनिक इतिहास कि प्रमुख घटनाये
1. ईस्ट इंडिया कम्पनी कि स्थापना
ईस्ट इंडिया कंपनी कि स्थापना को भारतीय आधुनिक इतिहास का प्रथम चरण कहा जा सकता है .ईस्ट इंडिया कंपनी कि भारत में स्थपना 31 दिसंबर 1600 में हुई थी | पहले इसे जॉन वाट्स के नाम से जाना जाता था लेकिन बाद में यह ईस्ट इंडिया कंपनी बनी | जॉन वाट्स एस कंपनी के संस्थापक थे और उन्होंने ही इस कंपनी के लिए व्यापार करने की इजाजत ब्रिटेन की महारानी से ली थी .ईस्ट इंडिया कम्पनी कि स्थापना द्वारा ही आधुनिक भारतीय इतिहास की नीव रखी गई |
2. मुगलों का अंत
भारतीय जमीन पर मुगल साम्राज्य सबसे अधिक समय तक राज करने वाले साम्राज्यों में से एक है | लेकिन हर साम्राज्य कि तरह ही मुगलों का पटना भी हुआ | यह भारतीय आधुनिक इतिहास कि महवपूर्ण घटनाओ में से एक है | मुगलों के पतन का प्रमुख कारण उनके उत्तरदायिता के अभाव था .मुग़ल शासको में अकबर ,जहागीर और शाहजहां के इतर कोई भी शासक जन मानस तक पहुचने में नाकामयाब रहा |
मुगलों ने भारत के मद्यकालीन इतिहास खण्ड में सता खो दी थी , लेकिन आखिरी मुग़ल बादशाह रहे बहदुर शाह जफ़र कि मृत्यु भारतीय आधुनिक इतिहास खण्ड के दौरान हुई | विशाल मुग़ल साम्राज्य के अंतिम बादशाह का देहांत बर्मा कि जेलों में हुआ जहां उन्हें अंग्रेजो द्वारा कैद किया गया था ,और उनके उतराधिकारियो को उन्ही कि नजरों के सामने मौत के घाट उतार दिया गया था |
3.आजादी की पहली लड़ाई
आजादी कि पहली लड़ाई को 1857 की क्रांति के नाम भी जाना जाता है |यह लड़ाई अलग अलग सैन्य दलों और किसान आन्दोलन के मोर्चों को मिलकर बनाई गई थी |1857 की क्रांति कीनीव 1853 में रखी थी | उस दौरान यह अफवाह फैला दी गई थी रायफल के कारतूस पर सूअर और गायो की चर्बी लगाई जाती है | गौरतलब है कि रायफल और कारतूस को चलाने से पहले उसे मुह से खोलना पड़ता था ,जिस कारण यह हिन्दू और मुस्लिम दोनों ही धर्म के भारतीय सैनिको को बुरा लगा | इस क्रांति के प्रमुख चेहरे मंगल पांडे ,नाना साहेब ,बेगम साहेब ,बेगम हजरत महल ,तात्या टोपे ,वीर कुंवर सिंह ,अंतिम मुग़ल बादशाह बहादुर शाह जफ़र ,रानी लक्ष्मी बाई ,लियाकत अली ,गजाधर सिंह और खान बहदुर जैसे महवपूर्ण और वीर नेता थे | यह क्रांति शुरूआती दिनों में तो काफी ज्यादा तेजी से चली और ऐसा लगा कि यह ब्रिटिश सत्ता को पूर्ण रूप से खदेड़ के रख देगी ,लेकिन यह क्रांति ऐसा कर पाने में असफल हुई और इस क्रांति को ब्रिटिश सत्ता ने निर्ममता से खदेड़ दिया |
4.भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का निर्माण
भारतीय कांग्रेस का गठन भरतीय आधुनिक इतिहास के प्रमुख चरणों में से एक है | भारतीय कांग्रेस ने आगे जाकर भारत कि आजादी भारत कि आजादी में एक महत्वपूर्ण किरदार निभाया हालांकि यह भारतीय कांग्रेस का शुरुआत मकसद नही था |भारतीय कांग्रेस का गठन ए ओ ह्यूम द्वारा किया था |उन्होंने भारतीय कांग्रेस का निर्माण ,ब्रिटिश सरकार के सात मिलकर भारतीय लोगों के लिए बेहतर रणनीति बनाने के लिए किया था |
कांग्रेस के शुरूआती दौरे में कांग्रेस के पास केवल 17 सदस्य थे | कांग्रेस अधिवेशन मुंबई में हुआ था जिसकी अध्यक्ष्ता व्योमेश चंद्र बनर्जी द्वारा कि गई थी |
5.सूरत अधिवेशन
26 सितंबर 1907 को यह अधिवेशन ताप्ती नदी के किनारे पर रखा गया था। हर अधिवेशन की तरह ही इस अधिवेशन के लिए भी अध्यक्ष का चुनाव कराया गया, जहां से इस घटना क्रम की शुरुआत हुई। गौरतलब है कि स्वराज्य को पाने के लिए कराए जा रहे इस अधिवेशन के कारण कॉंग्रेस दो धड़ों में बंट गई। यह घटना कॉंग्रेस के इतिहास की सबसे अधिक दुखद घटनाओं में से एक मानी जाती है। कॉंग्रेस के ही सदस्य रहे एनी बेसेंट ने कहा था कि यह घटना कॉंग्रेस की सबसे अधिक अप्रिय घटनाओं में से एक है।
दरअसल गरम दल के उग्रवादियों ने सूरत अधिवेशन का अध्यक्ष लोकमान्य तिलक को बनाने की मांग की थी लेकिन इसके उलट उदारवादी दल ने डॉक्टर राम बिहारी घोष ने इस अधिवेशन का अध्यक्ष बना दिया। बाद में यह उग्रवादियों और उदारवादीयों की तर्ज पर दो दल हो गए जिन्हे गरम दल एवं नरम दल का नाम दिया गया। गरम दल के नेता लोकमान्य तिलक, लाला लाजपत राय और बिपिन चंद्र पाल थे और नरम दल के नेता गोपाल कृष्ण गोखले थे। बाद में 1916 के लखनऊ के अधिवेशन में इन दोनों दलों का विलय हुआ।
6. गाँधी का आगमन
महात्मा गाँधी का भारतीय राजनीती में आगमन आधुनिक इतिहास के प्रमुख चरणों में से एक है | महात्मा गाँधी पहले इंग्लैंड में थे और उसके बाद वे दक्षिण अफ्रीका गए.महात्मा गाँधी में उन्होंने ज्यादा संघर्ष किया और उसके उपरांत वे भारत में आए |जब गाँधी भारत लौटकर आये तब उनकी उम्र 46 वर्ष थी और साल 1915 था उस समय महत्मा गाँधी के राजनितिक गुरु गोपाल कृष्ण गोखले थे | महात्मा गांधी ने भारतीय राजनीति का प्रमुख नेता बनने से पहले एक वर्ष तक भारत का अध्यन किया। महात्मा गांधी जी ने इस दौरान किसी भी प्रकार का आंदोलन नहीं किया न ही वे किसी मंच पर भाषण देने के लिए चढ़े। लेकिन 1915 के बाद 1916 में गांधी जी ने साबरमती आश्रम को स्थापित किया और पूरे भारत में भ्रमण करने लगे। उन्होने पहली बार मदन मोहन मालवीय द्वारा स्थापित बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के मंच से भाषण दिया जो कि पूरे देश में आग की तरह फैल गया।
महात्मा गांधी का एकमात्र लक्ष्य पूर्ण स्वराज्य था, जो कि आगे चलकर कॉंग्रेस पार्टी का भी लक्ष्य बना और महात्मा गांधी कॉंग्रेस के प्रतीक बन गए।
7. मुस्लिम लीग का गठन
मुस्लिम लीग की स्थापना 30 दिसंबर, 1906 को ढाका में की गई थी। गौरतलब है की ढाका भी उस समय भारत का ही हिस्सा था। मुस्लिम लीग का शुरुआती नाम आल इंडिया मुस्लिम लीग था जो कि बाद में मुस्लिम लीग हो गया था। मुस्लिम लीग के प्रमुख नेताओं में मोहम्मद अली जिन्ना, ख्वाजा सलीमुल्लाह और आगा खाँ शामिल हैं।
8.सविनय अवज्ञा आंदोलन
सविनय अवज्ञा आंदोलन गांधी जी द्वारा किए गए प्रमुख आंदोलनों में से एक है। गांधी जी ने यह आंदोलन 12 मार्च 1930 को किया था। गांधी भारतीय आधुनिक इतिहास के सर्वाधिक महत्पूर्ण व्यक्ति थे और उनके द्वारा किए गए आंदोलन भी काफी ज्यादा महत्वपूर्ण थे।गांधी जी द्वारा किया गया आंदोलन अंग्रेजों के भारत छोड़ने की घोषणा के बाद किया गया था। गांधी जी को ऐसा लगता था कि अंग्रेज केवल कह रहे हैं अपितु वे भारत को किसी भी सूरत में नहीं छोड़ेंगे।गांधी जी द्वारा चलाया गया यह आंदोलन इसी घोषणा को सत्य करने के लिए अंग्रेजों पर दबाव डाल रहा था, हालांकि बाद में इस आंदोलन को इर्विन समझौते के कारण वापस ले लिया गया।
9.भारत छोड़ो आंदोलन
भारत छोड़ो आंदोलन गांधी जी द्वारा किया गया आखिरी आंदोलन था। यह अंग्रेजों के खिलाफ भी किया गया आखिरी आंदोलन था क्यूंकि इस आंदोलन के उपरांत अंग्रेजों ने भारत छोड़ दिया था।
इस आंदोलन का एकमात्र उद्देश्य स्वतंत्रता प्राप्त करना था, हालांकि ऐसा आंदोलन के दौरान तो नहीं हो पाया क्यूंकि अंग्रेजों ने यह आंदोलन दबा दिया था लेकिन इस आंदोलन के खत्म होने के बाद अंग्रेजों ने भारत छोड़ दिया था। इस आंदोलन का प्रमुख नारा “भारत छोड़ो” 1942 के कॉंग्रेस के बम्बई अधिवेशन के दौरान दिया गया था।
10.भारत का विभाजन
भारत के विभाजन को अंग्रेजों की देन कहा जा सकता है। अंग्रेजों द्वारा ही “फुट डालो राज करो” की नीति अपनाई जाती थी और उन्होने भारत को छोड़ते समय भी यही किया।उन्होने भारत को छोड़ दिया लेकिन भारत के टुकड़े भी कर दिए। महात्मा गांधी भारत के टुकड़े नहीं चाहते थे लेकिन उस समय तक भारत परिस्थितियों की समस्या में इस कदर फँस चुका था कि कुछ किया नहीं जा सकता था। भारत के विभाजन के समर्थन वाले प्रमुख दलों में मुस्लिम लीग भी थी, जिसका नेतृत्व मोहम्मद अली जिन्ना कर रहे थे।
11.भारतीय संविधान निर्माण
भारतीय संविधान निर्माण भारतीय आधुनिक इतिहास की प्रमुख घटनाओं में से एक है। भारतीय संविधान का निर्माण भारत की सुचारू रूप से चलाने के लिए किया गया था। भारतीय संविधान को 2 साल, 11 महीने और 18 दिनों में निर्मित किया गया था। 26 नवंबर को भारतीय संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है।
12. भारत की आजादी
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अंग्रेजों की हालत काफी ज्यादा खराब हो चुकी थी और कई प्रकार के आंदोलनों से परेशान होकर भी उन्होने 15 अगस्त 1947 को अधिकारिक तौर पर भारत को छोड़ दिया।