स्कूल-कॉलेजों के आस पास तक फैले ड्रग पैडलर

स्कूल-कॉलेजों के आस पास तक फैले ड्रग पैडलर

सूबे में धीरे-धीरे नशे का कारोबार गली-मुहल्लों से लेकर स्कूल कॉलेजों के आस-पास फैलने लगा है. गांजे से शुरू हुई नशे की यह लत अब धीरे-धीरे स्मैक व ब्राउन शुगर तक पहुंच रही है. पिछले कुछ वर्षों के दौरान बिहार पुलिस और पटना जोन के नारकोटिक्स ब्यूरो में दर्ज इससे जुड़े मामले और बढ़ी गिरफ्तारियां इसकी पुष्टि करती हैं. इन मामलों में पुलिस छोटे-छोटे ड्रग पैडलरों पर फोकस कर रही है, लेकिन बड़े कारोबारी अब तक गिरफ्त से बाहर हैं. शहर के नामचीन स्कूलों के इर्दगिर्द नशा कारोबारियों का गिरोह सक्रिय है. हालत यह है कि गली मुहल्लाें से लेकर अब स्कूली छात्रों तक नशे का जहर फैलता जा रहा है.

 पूर्वोत्तर राज्यों व नेपाल से लेकर मुंबई का नेटवर्क सक्रिय

पुलिस सूत्रों के मुताबिक बिहार में पूर्वोत्तर के राज्यों से लेकर पड़ोसी देश नेपाल, मुंबई व कोलकाता के ड्रग डीलरों का नेटवर्क फैला है. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो पटना जोन के आंकड़ों बताते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में बिहार ओपियम और हशीश जैसे ड्रग्स की जब्ती मामले में देश में अव्वल, जबकि गांजा जब्ती में आंध्र प्रदेश के बाद दूसरे नंबर पर रहा है. खास कर 2015 में शराबबंदी से पहले बिहार में हशीश जैसे मादक पदार्थ की कोई जब्ती नहीं हुआ करती थी, लेकिन 2017 में यह 244 किग्रा बरामद हुआ. 2015 में जब्त 1.7 किग्रा ओपियम की मात्रा 2019 अगस्त तक बढ़ कर 323 किग्रा तक पहुंच गयी. मादक पदार्थों की खपत पटना के साथ गोपालगंज, किशनगंज, पूर्णिया आदिजिलों में अधिक है.

नशा उन्मूलन केंद्रों में पहुंच रहे नाबालिग

नशा उन्मूलन केंद्रों के संचालक बताते हैं कि नशे की लत के शिकार 13-14 साल के बच्चे भी केंद्र पहुंच रहे हैं. इनमें किसी को ड्रग्स की आदत है तो किसी को ब्राउन शुगर की. नशे की दवाओं के साथ इंजेक्शन भी लिया जा रहा है. नशे के आदी युवा अपनी इस लत को पूरा करने के लिए दवाओं के ओवरडोज का भी सहारा लेते हैं. जीएम रोड के दुकानदार बताते हैं कि ज्यादातर युवा और टिनएजर दर्दनिरोधक दवाएं मसलन पेट दर्द में दी जाने वाली ऐना फोर्टिन, डायलोन आदि का ओवरडोज इस्तेमाल करते हैं. इसलिए बिना डाक्टर की पर्ची के इन्हें दवाइयां नहीं दी जाती.

 

कुछ युवा शौकिया तौर पर मादक पदार्थों का सेवन करते हैं और बाद में इसके आदी हो जाते हैं. एक बार इस्तेमाल करने के बाद बाद में नहीं मिलने पर शरीर अकड़ने लगता है और आंख व नाक से पानी गिरने लगता है. युवाओं को स्मैक ही नहीं, बल्कि हर तरह के नशे से दूर रहना चाहिए. 

-डॉ दिवाकर तेजस्वी, वरिष्ठ जनरल फिजिशियन