UGC और AICTE के बाद अब राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने भारतीय छात्रों को पाकिस्तान की मेडिकल डिग्री को लेकर किया आगाह
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (National Medical Commission, NMC) ने भारतीय छात्रों को पाकिस्तान के मेडिकल कालेजों में दाखिला नहीं लेने की सलाह दी है। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग यानी एनएमसी की ओर से जारी सार्वजनिक नोटिस विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के उस संयुक्त सुझाव के बाद आया है जिसमें कहा गया था कि भारतीय छात्रों को पाकिस्तान में किसी भी कालेज या शैक्षणिक संस्थान में खुद को नामांकित नहीं कराना चाहिये। ऐसा करने वाले छात्र भारत में नौकरी खोजने या उच्च शिक्षा प्राप्त करने के पात्र नहीं होंगे।
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (National Medical Commission, NMC) की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सभी संबंधितों को सलाह दी जाती है कि वे चिकित्सा शिक्षा के लिए पाकिस्तान की यात्रा न करें। कोई भी भारतीय नागरिक/भारत का विदेशी नागरिक जो पाकिस्तान के किसी भी मेडिकल कालेज में एमबीबीएस/बीडीएस या समकक्ष मेडिकल कोर्स में प्रवेश लेना चाहता है वह एफएमजीई में उपस्थित होने के लिए पात्र नहीं होगा। यही नहीं ऐसी शैक्षिक योग्यता के आधार पर कोई भी छात्र भारत में उक्त श्रेणी में रोजगार पाने का हकदार नहीं होगा।
इससे पहले विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी UGC और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) ने भी भारतीय छात्रों को आगाह किया था। दोनों नियामकों ने कहा था कि भारतीय छात्र उच्च शिक्षा के लिए पाक का रुख ना करें क्योंकि वहां की डिग्री भारत में मान्य नहीं है। हालांकि दोनों नियामकों ने पाक से आए शरणार्थियों को इसमें राहत भी दी थी। नियमकों ने कहा था कि ऐसे शरणार्थी जिन्हें भारतीय नागरिकता मिल गई है उनकी उच्च शिक्षा की डिग्रियों को गृह मंत्रालय की मंजूरी के बाद भारत नौकरियों के लिए योग्य माना जा सकता है। यही नहीं दिसंबर 2018 से पहले ऐसी डिग्रियों के लिए दाखिला लेने वालों को भी रियायत दी गई है।