14 राज्यों में स्थापित हुए 166 CNG पंप, लाइनों से मिलेगी छूट्टी
भारत में प्राकृतिक गैस आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने समुदाय की सेवा के लिए 166 सीएनजी पंप स्टेशन खोले गए है। इससे अब सीएनजी भरवाने के लिए आपको लंबी लाइनों से राहत मिलेगी। 166 सीएनजी पंप गेल (इंडिया) लिमिटेड और उसके समूह सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (सीजीडी) कंपनियों की ओर से 14 राज्यों के 41 भौगोलिक क्षेत्रों (जीए) में स्थापित किए गए हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सीएनजी स्टेशन स्थापित करने से CNG वाहनों के निर्माण और बाजार को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि यह भारत में परिवहन क्षेत्र, घरों और उद्योग के लिए पर्यावरण के अनुकूल सीएनजी की उपलब्धता का विस्तार करने में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सीएनजी वाहनों के लिए बाजार को प्रोत्साहित करेगा और विनिर्माण, कौशल विकास और रोजगार पर एक घातीय प्रभाव पड़ेगा। केंद्रीय मंत्री ने सीएनजी स्टेशन के बारे में कुछ आंकड़े भी शेयर करते हुए बताया कि 2014 में देश में केवल 900 CNG स्टेशन थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सीएनजी पंप बढ़कर 4,500 हो गए हैं और केंद्र अगले दो वर्षों में 3,500 सीएनजी स्टेशनों को दुरुस्त करने की योजना बना रहा है।
उन्होने कहा कि 2014 में देश में केवल 900 सीएनजी स्टेशन थे और आज के समय में 4500 सीएनजी स्टेशन हैं, जिनकी अगले 2 वर्षों में इस संख्या को 8000 तक पूरा करने की योजना है। इसके अलावा पीएनजी कनेक्शन की संख्या भी 2014 में लगभग 24 लाख की तुलना में 95 लाख को पार कर गई है। उन्होंने कहा कि 400 करोड़ रुपए की लागत से चालू किए गए ये सीएनजी स्टेशन देश में गैस आधारित बुनियादी ढांचे और स्वच्छ ईंधन की उपलब्धता को और मजबूत करेंगे। उन्होंने कहा कि ये सीएनजी स्टेशन लगभग 1,000 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करेंगे।
हरदीप सिंह पुरी ने बातचीत के दौरान, उन्होंने मोटर वाहन क्षेत्र में स्वच्छ ईंधन और प्रौद्योगिकी को अपनाने के माध्यम से वाहनों के उत्सर्जन को कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। देश में परिवहन क्षेत्र, घरों और उद्योग के लिए पर्यावरण के अनुकूल और सुविधाजनक ईंधन प्राकृतिक गैस की उपलब्धता के विस्तार में एक महत्वपूर्ण कदम है। अधिकांश पारंपरिक ईंधनों की तुलना में प्राकृतिक गैस सुरक्षित और अधिक किफायती भी है।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने गैस आधारित अर्थव्यवस्था में प्रवेश करने के लिए प्राथमिक ऊर्जा मिश्रण में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को 15% तक बढ़ाने का एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। 2070 तक भारत के शुद्ध शून्य के लक्ष्य को प्राप्त करने में गैस आधारित अर्थव्यवस्था के विकास की महत्वपूर्ण भूमिका होने की उम्मीद है।