वेतनभोगियों को इनकम टैक्स रिटर्न के लिए भरना होता है कौन सा फॉर्म
अगर आपने अभी तक आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है तो 31 जुलाई से पहले इसे फाइल कर लें। मोदी सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अब इनकम टैक्स रिटर्न की आखिरी तारीख बढ़ाई नहीं जाएगी। सोमवार को आयकर विभाग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 3 करोड़ रिटर्न ई-फाइलिंग पोर्टल पर फाइल कर दी गई हैं। जबकि पिछले वित्त वर्ष में करीब 5.89 करोड़ आयकर रिटर्न (आईटीआर) 31 दिसंबर तक दाखिल किए गए थे।अगर आप भी आयरक रिटर्न दाखिल करने वाले हैं, तो आपको इसके लिए चार तरह के फॉर्म भरने का विकल्प दिया जाता है, जिसमें ITR-1, ITR-2, ITR-3 और ITR-4 उपलब्ध हैं। इसे लेकर लोगों को कंफ्यूजन होता है कि वे आयकर भरते समय किस विकल्प का चयन करें। यहां हम आपको जानकारी दें कि अगर आप एक वेतनभोगी कर्मचारी है तो आपको कौन सा फॉर्म सेलेक्ट करना चाहिए।
कौन भर सकता है ITR-1 फॉर्म
आईटीआर वेतनभोगी व्यक्तियों द्वारा दायर किया जा सकता है जिनकी कुल आय वित्तीय वर्ष के दौरान 50 लाख रुपए से अधिक नहीं है। जिन व्यक्तियों की आय वेतन, एक गृह संपत्ति, पारिवारिक पेंशन आय, कृषि आय 5000 रुपए तक है और अन्य स्रोत जिनमें बचत खाते से ब्याज, जमा (बैंक, डाकघर), आयकर रिफंड से ब्याज और बढ़े हुए मुआवजे पर शामिल हैं, वे ITR-1 भर सकते हैं।
कौन नहीं है योग्य
ITR-1 फॉर्म व्यक्तिगत नहीं भरी जा सकती है, जो निवासी नहीं हैं या ऑडेनरी निवासी हैं। इसके साथ ही जिसकी कुल आय विदेशी श्रोतों से आए रुपए से अधिक है। वह व्यक्ति भी आईटीआर 1 फाइल नहीं कर सकते, जो पिछले वर्ष के दौरान 15 लाख और जो 120 दिनों या उससे अधिक लेकिन 182 दिनों से कम की अवधि के लिए भारत में रहे हैं। अनिवासी भी आईटीआर-1 फॉर्म नहीं भर सकते हैं।
ITR-1 किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा नहीं भरा जा सकता है जिसकी कुल आय 50 लाख से अधिक हो और कृषि आय 5,000 से अधिक हो। लॉटरी, घुड़दौड़, कानूनी जुए से कमाई करने वाले व्यक्ति को यह फॉर्म नहीं भरना चाहिए।