भारत क्यों नहीं कर पा रहा है श्रीलंका की मदद।

भारत क्यों नहीं  कर पा  रहा  है श्रीलंका की मदद।

श्रीलंका  के पीएम रानिल विक्रमसिंघे  और राष्ट्रपति  गोटबाया  राजपक्षे  के अपने  पदों से इस्तीफा देने के ऐलान  देने के बाद देश में राजनीतिक  अस्थिरता बढ़  गई है| पहले से ही आर्थिक बदहाली का शिकार हो चुके  श्रीलंका की इस वजह से भारत भी मदद नहीं कर  पा रहा है | श्रीलंका  का विदेशी  मुद्रा भंडार  ख़त्म  हो चूका है | उसकी निगाहें  पूरी तरह से अन्तर्राष्ट्रीय  मुद्रा कोष पर लगी है |   श्रीलंका  के राजनीतिक  और आर्थिक हालात  से भारत की चिंता बढ़ गई है | लेकिन  उसकी मदद नहीं कर पा रहा है | इसकी कुछ खास कारण  है। 

  1. मौजूदा वर्ष में भारत ने श्रीलंका को पांच अरब  डॉलर मूल्य के बराबर की मदद की है | इसके अलावा दवाओं और पेट्रोलियम उत्पादों की अगली खेप श्रीलंका को भेजने की भी  तैयारी है | इसके अलावा  आरबीआई  से भी श्रीलंका को वित्तीय मदद देने पर विचार किया जा रहा है लेकिन देश में कोई स्थिर सरकार न होने की वजह  ऐसी कोई भी मदद भेजना भारत  ही नहीं किसी भी देश अथवा वित्तीय संस्थान  के लिए मुश्किल है | 
  2. पीएम रानिल विक्रमासिंधे  ने भारत से श्रीलंका के लिए 1.5  अरब डॉलर की अतिरिक्त मदद मांगी थी लेकिन चूकि  अब रानिल भी इस्तीफे का एलान कर चुकी है तो मदद को देना भी भारत के लिए संभव  नहीं है | 
  3. श्रीलंका को कर्ज दने के बारे में भारत को कम से कम तब तक  इंतजार करना होगा जब वहां एक स्थायी सरकार  नहीं  बन जाती है | उसी सरकार से भारत बातचीत के बाद भारत इस तरह की मदद कर सकेगा | 
  4. भारत के साथ एक समस्या ये भी है कि  वो श्रीलंका  की  एक हद ही मदद कर सकता है | इस बात को कार्यवाहक पीएम रानिल विक्रमसिंघे  ने भी माना  है | 
  5. भारत श्रीलंका और आईएमएफ के बीच हो रही बातचीत पर भी निगाह बनाए हुए है |  लिहाजा ,भारत जल्दबाजी में इस बारे में कोई फैसला नहीं लेना चाहता है | 
  6. श्रीलंका  पर 51  अरब डॉलर का विदेश कर्ज है | मौजूदा हालतों में वो बंगलादेश  से मिले कर्ज को भी चुकाने में नाकाम है | ऐसे में भारत को इस बारे में सोचना बेहद जरूरी है |