केंद्रीय इस्पात मंत्री आज दुनिया की सबसे बड़ी रेबार मिल राष्ट्र को करेंगे समर्पित

केंद्रीय इस्पात मंत्री आज दुनिया की सबसे बड़ी रेबार मिल राष्ट्र को करेंगे समर्पित

केंद्रीय इस्पात मंत्री आज दुनिया की सबसे बड़ी रेबार मिल राष्ट्र को करेंगे समर्पित

केंद्रीय इस्पात मंत्री राम चंद्र प्रसाद सिंह गुरुवार को ओडिशा में अपने इस्पात संयंत्र (steel plant) में स्थित जेएसपीएल (JSPL) की रीबार मिल राष्ट्र को समर्पित करेंगे। जेएसपीएल ने बुधवार को एक बयान में कहा कि 1.4 एमटीपीए की रीबार मिल दुनिया की सबसे बड़ी रीबार बनाने वाली इकाई में से एक है।बयान में कहा गया है कि मंत्री जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) इकाई में इसके 2 एमटीपीए कोयला गैसीकरण संयंत्र का भी दौरा करेंगे।

दुनिया की सबसे बड़ी अल्ट्रा माडर्न मिल भारत में 

इस्पात मंत्री राम चंद्र प्रसाद सिंह गुरुवार को 1.4 एमटीपीए (मिलियन टन प्रति वर्ष) की क्षमता वाली दुनिया की सबसे बड़ी अल्ट्रा-मॉडर्न रीबार मिल में से एक को राष्ट्र को समर्पित करेंगे।रीबार बनाने की सुविधा ओडिशा संयंत्र के अंगुल में जेएसपीएल के 6 एमटीपीए संयंत्र में स्थित है। कंपनी अपने अंगुलु संयंत्र (Angul Plant) में स्टील का उत्पादन करने के लिए कोयला गैसीकरण तकनीक का उपयोग कर रही है

नवीन जिंदल ने कहा- यह रीबार मिल भारत की उपलब्धि है 

इस रीबार मिल के बारे में नवीन जिंदल, चेयरमैन, जेएसपीएल ने कहा- 'हम सौभाग्यशाली हैं कि भारत की सबसे बड़ी टीएमटी रीबार मिल को माननीय केंद्रीय इस्पात मंत्री द्वारा राष्ट्र को समर्पित किया जा रहा है। टिकाऊ स्टील उत्पादन पर हमारे ध्यान के अनुरूप और स्टील के उत्पादन के लिए स्वदेशी कोयले के उपयोग को ध्यान में रखते हुए, हमने भारत का पहला सीजीपी (CJP) चालू किया है। हमने अंगुल में भारत का पहला सीजीपी (CJP) आधारित डीआरआई  (DRI) संयंत्र चालू किया है। हम 2070 तक कार्बन-न्यूट्रल नेशन बनने के लिए COP26 में भारत सरकार की जलवायु प्रतिबद्धता के साथ जुड़े हुए हैं | उन्होंने कहा कि JSPL 2070 तक कार्बन-न्यूट्रल नेशन बनने के लिए COP26 में सरकार की जलवायु प्रतिबद्धता के अनुरूप है।

आत्मनिर्भर भारत की ओर भारत का कदम 

जेएसपीएल के प्रबंध निदेशक, वी आर शर्मा, ने कहा- 'हमें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि जेएसपी (JSP) अब 50 मिमी व्यास टीएमटी (TMT) रीबार का भी उत्पादन कर सकता है जो देश में अपनी तरह का पहला कदम है। हमारी रीसर्च एंड डेवलपमेंट टीम ने सफलतापूर्वक 50 मिमी रीबार विकसित किए हैं और बीआईएस (BIS) अनुमोदन भी प्राप्त किया है। हम भारत के विकास की कहानी और हमारे संचालन में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के माननीय प्रधान मंत्री के दृष्टिकोण के साथ यह संभव हो पाया हैं।'

आपको बता दें कि कोयला गैसीकरण संयंत्र कार्बन कैप्चर तकनीक से लैस है और पहले से ही प्रति दिन लगभग 2,000 टन CO2 ग्रहण कर रहा है। जेएसपी(JSP) अपनी अंगुल संयंत्र (Angul Plant) की क्षमता को 6 एमटीपीए से बढ़ाकर 12 एमटीपीए कर रही है और कंपनी 2025 तक कुल 15 एमटीपीए इस्पात निर्माण क्षमता हासिल कर लेगी।